


राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे पचास हजार अतिथियों के सामने आर्थिक संकटहै। नियुक्ति से लेकर अब तक इन्हें वेतन नहीं मिला। तीन माह पहले इनकी भर्ती हुई थी। ई अटेन्डेस नियम के कारण स्कूल शिक्षा विभाग ने वेतन रोक दिया है। राजधानी में एक भी अतिथि को वेतन नहीं मिला। त्योहार से ठीक पहले गुरुजी के ये हाल है।
हाजिरी लगाने के बाद भी गैर हाजिर
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश में 70 हजार अतिथि शिक्षकों की भर्ती की है। जुलाई अगस्त में जिला स्तर पर विभाग ने इनकी नियुक्ति की थी। नियमित की तरह इन पर भी ई अटेन्डेस का नियम लागू किया गया। तकनीकी दिक्कतों के चलते नियमित शिक्षको को तो इससे छूट दी गई अतिथि के लिए कोई प्रावधान नहीं हुए। करीब बीस प्रतिशत को वेतन मिल पाया है। बाकी हाजिरी लगाने के बाद भी गैर हाजिर है।
त्योहार से पहले आर्थिक संकट
मप्र शिक्षक संगठन के प्रभारी अध्यक्ष उपेन्द्र कौशल ने बताया कि वेतन न मिलने से पूरा परिवार प्रभावित है। त्योहारी मौके पर यह क परेशानी अधिक है। ई अटेन्डेस के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने हमारे ऐप नाम से प्लेटफॉर्म विकसित किया है। इस पर एंट्री होनी थी। अतिथि शिक्षको के मुताबिक उनके लिए कोई निर्देश नहीं है। विभाग ने हर माह की 5 तारीख को वेतन देने के निर्देश जारी किए थे।